सरकार द्वारा महिलाओ के लिए आ गयी बेहद शानदार योजना,स्टैंडअप इंडिया योजना जिसके तहत महिलाओ को मिलेंगा भरपूर लाभ, पूरी जानकारी जाने हर स्टार्टअप की शुरुआत एक विचार से होती है, लेकिन इस विचार को साकार करने के लिए कुशल नेतृत्व और पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है. स्टार्टअप्स को फंडिंग एंजल इन्वेस्टर्स, दोस्तों और परिवार या ऋण के माध्यम से मिल सकती है. भारत में स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं.
स्टैंडअप इंडिया योजना 5 अप्रैल 2016 को शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर आर्थिक सशक्तीकरण और रोजगार सृजन करना था. योजना का वर्ष 2025 तक विस्तार किया गया है. अपना कारोबार शुरू करने और विनिर्माण, सेवा तथा व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़े उद्यम लगाने में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए यह योजना शुरू की गई थी. वित्त मंत्री ने कहा, इस योजना ने एक परिवेश तैयार किया जो बैंकों से ऋण लेकर नए उद्यम लगाने की सुविधा देता है.
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सरकार द्वारा महिलाओ के लिए आ गयी बेहद शानदार योजना,स्टैंडअप इंडिया योजना जिसके तहत महिलाओ को मिलेंगा भरपूर लाभ, पूरी जानकारी जाने
वित्त मंत्री सीतारामन ने कहा कि स्टैंड-अप इंडिया योजना ने सुविधाओं से वंचित/कम सुविधा प्राप्त उद्यमियों के लिए परेशानी मुक्त किफायती ऋण सुनिश्चित करके कई लोगों के जीवन को संवारा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना ने उभरते उद्यमियों की उद्यमशीलता संबंधी उड़ान में पंख दिए हैं और ये उभरते उद्यमी रोजगार के सृजनकर्ता बनकर आर्थिक विकास को गति देने और एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।
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उत्तिष्ठ भारत (Stand-up India) योजना का उद्देश्य प्रत्येक बैंक शाखा द्वारा कम से कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता और एक महिला उधारकर्ता को नई (Greenfield) परियोजना की स्थापना के लिए रु. 10 लाख से रु. 1 करोड़ के बीच बैंक ऋण प्रदान करना है। ये उद्यम विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र से संबंधित हो सकते हैं। गैर-व्यक्ति उद्यम के मामले में, 51% शेयरधारिता व नियंत्रक हिस्सेदारी अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।
डॉ. कराड़ ने कहा, “पिछले सात वर्षों के दौरान इस योजना से 1.8 लाख से अधिक उद्यमी लाभान्वित हुए हैं।” उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह भी बेहद खुशी की बात है कि इस योजना के तहत स्वीकृत गए 80 प्रतिशत से अधिक ऋण महिलाओं को प्रदान किए गए हैं।”
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